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बात कुछ यूँ है की हिमाचल प्रदेश में 2018 में श्री जय राम ठाकुर जी ने मुख्यमंत्री की कमान संभाली है। जैसे ही उन्होंने कमान संभाली है तब से लगातार जन कल्याणकारी योजनाओं की छड़ी लगा दी है। पहली केबिनेट मीटिंग्स में ही उन्होंने कुछ ऐसे तोहफे दिए जो जिस से जनता के दिल में उनके लिए प्यार और भी बढ़ गया है। यदि जनता के नजरिये से देखे तो एक अन्य तोहफा जो दिया है वो प्रदेश सरकार का जनमंच।
जनमंच का पूरा श्रेय सरकार को जाता है क्यूंकि इस तरह का अनूठा संगम जहां अधिकारीगण एक जगह इकट्ठे होकर जनता के द्वार आकर उनकी सारी समस्याएं और शिकायतें वहीँ पर निपटा सकें। शिकायतों की निगरानी या शीघ्र निपटान के लिए प्रदेश सरकार का कोई न कोई मंत्री हमेशा वहां पर उपस्थित रहता है।
जहां जनता के लिए ये बहुत फायदेमंद साबित होता है वहीं अधिकारियों के लिए थोड़ा सा चिंता का कारण क्यूंकि शिकायतें ऐसी होती है जो ग्राउंड लेवल पर करना बहुत मुश्किल होता है लेकिन सुनने में नाममात्र। जिस कारण मंत्री जो है वो डांट फटकार लगा देते है।
इन जनमंचों के दौरान बहुत सी ऐसी घटनाएं हो जाती है जो या तो हंसी का काऱण या आश्चर्य चकित कर देने वाला होता है।
कुछ ऐसा ही हुआ 3 फरवरी को जिला मंडी के द्रंग विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कटौला में हुए जनमंच में, जहां अध्यक्षता कर रहे थे प्रदेश सरकार के स्वस्थय एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री विपिन सिंह परमार जी।
शिकायतों का सिलसिला जैसे ही शुरू हुआ एक शिकायतकर्ता ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हमारी समस्या को कोई भी नहीं सुन रहा है। नेता लोग हमेशा ऐसा ही करते है। अपनी बात की पुष्टि के लिए उन्होंने एक उदाहरण दिया की कुछ साल पहले भी एक मंत्री से उन्होंने कटौला स्कूल के ग्राउंड के बारे में बात की तो उस मंत्री ने जवाब दिया कि:-
जब आपके स्कूल में PET अध्यापक ही नहीं तो आप क्या करोगे खेल मैदान का।
ये बात सुनकर सारे सदन में ठहाके गूंज पड़े। स्वास्थय मंत्री परमार जी ने चुटकी लेते हुए कहा कि अब ऐसा नहीं होगा और हल्की से मुस्कान दी। लेकिन साथ में बैठे हुए विधायक जवाहर ठाकुर जी ने इस बात पर जोर का ठहाका लगाया क्यूंकि वो जिस पूर्व मंत्री की बात कर रहे थे उसे हराकर ही जवाहर ठाकुर विधायक बने थे।
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